Stories Of Premchand

अब और कहने की ज़रुरत नहीं | Ab Aur Kahne Ki Zaroorat Nahi, A Story by Saadat Hasan Manto

Informações:

Sinopsis

पैसों के बदले, दूसरों के अपराध अपने सर ले जेल जाने वाले, एक पेशेवर व्यक्ति की माँ के मौत के समय वास्तविक अपराधी की बेटी द्वारा मदद करने की कहानी।